पाठिका संग मिलन-5
This story is part of a series: keyboard_arrow_left पाठिका संग मिलन-4 keyboard_arrow_right पाठिका संग मिलन-6 View all stories in series मैं घूमकर उसके सामने आ गया उसके नुकीले उभारों के बीच। अभी तक हम अगल बगल बैठे थे। वह अपने वक्ष को ढकने लगी, मैंने उसकी कलाइयाँ पकड़कर लीं। उसके दोनों उरोज अजब चालू सी …