कामवासना पीड़िता के जीवन में बहार-3
इस कहानी का पिछला भाग: कामवासना पीड़िता के जीवन में बहार-2 कितनी देर हम एक दूसरे को चूसते रहे, एक दूसरे के जिस्म को सहलाते रहे। अब जब इस मुकाम पर हम पहुँच गए थे तो पीछे जाने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था। उसने मुझे उठा कर खड़ा किया और अपने हाथों …