एक ही बाग़ के फूल-2
This story is part of a series: keyboard_arrow_left एक ही बाग़ के फूल-1 keyboard_arrow_right एक ही बाग़ के फूल-3 View all stories in series मेरी नज़र अब आंटी की चूत पे गयी जहाँ उसके हल्के बाल दिखाई दे रहे थे, ऐसा लग रहा था कि कुछ दिन पहले ही उसने बाल साफ़ किये थे. तभी …