सुरीली साली-1
जीजाजी ..ऽ..ऽ… हल्की-सी देर तक खिंचती आवाज जो एक सुरीली-सी फुसफुसाहट में यकायक टूटती है। कुछ लोग बोलते हैं तो ऐसा लगता है उसमें संगीत बज रहा हो। बातों की धारा में हँसी की तरंगें। सदा प्रसन्न रहने की प्रकृति से उत्पन्न स्वाभाविक हँसी पर तैरती वह सांगीतिक आवाज! काश वह आवाज जिन्दगी भर के …