ही एवेरिवन यह मेरा रियल लाइफ इन्सिडेंट है. की कैसे मैने 12त क्लास मेी गर्लफ्रेंड बनाई और उसकी वर्जिनिटी लूस कराई. जब हम दोनो 18 साल के थे.
मेरा नाम अनिकेत है.
तो स्टोरी शुरू होती है 12त क्लास के 1स्ट्रीट दे से जब हम असेंब्ली के बाद क्लास मे आ गये. और सब लड़के उसी लड़की के बारे मेी बाते क्र र्हे थे. तभी वो क्लास मेी आई, क्या बतौ दोस्तो उसके बारे मेी. बड़े बूब्स गांद का बाहर निकला हुआ उभर एकद्ूम गोरी.
वो चुपचाप जाके अपने बेंच पे जाके बैठ गयी. सारे क्लास मेी उसी की बाते चल रही थी. मुझे तो उसका नाम भी नही पता था. गर्ल्स की 1 सेपरेट लाइन थी बैठने के लिए.
तो मेरी 1 फ्रेंड थी राधिका जो मुझे लीके करती थी. उसी ने मुझे उसका नाम बताया. उसका नाम गौरी था. फिर राधिका ने मुझे गौरी से इंट्रोड्यूस कराया और उसने ये भी बताया की मे सिंगल हू.
वो काफ़ी फ्रॅंक थी फिर हमारी बाते शुरू हो गयी. वो हॉस्टिल मे रहती थी राधिका और गौरी 1 ही रूम मेी रहते थे.
उन्हे मोबाइल अलोड नही था फिर भी वो चुप चुप कर मोबाइल उसे करते थे. पहले जब हम बोलते थे तब ज़्यादा तार राधिका ही बोलती थी गौरी ज़्यादा बात नही करती थी.
फिर जैसे जैसे दिन गए वो भी बहुत बाते करने लगी. मैंने १ दिन राधिका को बोलै मई उसे प्रोपोज़ करने वाला हु. तो उसने भी गौरी को है बोलने को तैयार क्र दिया और मैंने उसे प्रोपोज़ क्र दिया. और उसने भी हां क्र दी अब हम रिलेशनशिप में थे.
तो जब भी क्लास मेी कोई नही होता तो मेी उसके बेंच पे जाके बैठता. और उसके स्कर्ट के उपर से हाथ फेरता. वो शरमाती थी और राधिका क्लास के बाहर खड़ी रह कर देखती की कोई आ तो नही रा.
1 दिन स्कूल ख़तम होने के बाद जब सब लोग चले गये. तो गौरी क्लास मे अकेली थी. स्कूल 2 भजे ख़त्म होती थी पर हॉस्टिल गर्ल्स 5 भजे तक स्कूल मे ही रहती थी.
क्योंकि उनका हॉस्टिल स्कूल से दूर था और वो 5 भजे तक स्पोर्ट्स खेलती थी. तो मई ड्रेस चेंज कर के टेबल टेन्निस खेलने आया. हमारा टेबल टेन्निस का टेबल स्कूल बिल्डिंग के अंदर ही था.
वाहा से हमारा क्लास भी दिखता था. तो जब मैने क्लास की तरफ देखा तो राधिका और गौरी वही पर थे. मई भी जल्दी से क्लास मे गया तो राधिका क्लास के बाहर खड़ी हो गयी. और हम दोनो ही क्लास मे थे.
मैने शॉर्ट्स और त-शर्ट पेन्ना था और वो स्कूल ड्रेस मे ही थी. उसका स्कर्ट घुटनो तक ही था. तो जब भी वो बैठती थी तो उसका स्कर्ट और भी उपर आ जाता था.
उसने टीए निकाला था और उपर का एक बटन भी ओपन था. तो उसके बूब्स और भी सेक्सी दिख रहे थे. मेरा लंड भी तोड़ा टाइट हो गया था जिसका उभर शॉर्ट्स के उपर से दिख रा था.
वो बेंच पे बैठी हुई थी तो मेी उसके आयेज जा के खड़ा हो गया और उसे खड़ा काइया. उसके कमरा पर हाथ रखके उसे मेरी तरफ खिछा और उसे किस करने लगा.
पहले तो वो शर्मा रही थी पर बाद मेी वो भी मेरा साथ देने लगी. उसने शर्ट बहुत ही टाइट पहना हुआ था. जिसकी वजह से उसके बूब्स बाहर आने को देख र्हे थे. और उसके निपल्स भी टाइट हो गये थे. जो शर्ट के उपर से सॉफ दिख र्हे थे.
किस करते टाइम मेरा हाथ कभी उसकी कमर पर तो कभी उसकी गांद पर था. वो भी पूरा साथ दे रही थी. उसने मेरे पूरे चेहरे पर किस किया था. और उसने मेरे लंड को भी महसूस किया.
अब मुझसे रा नही गया और मैने उसके शर्ट की और 1 बटन खोल दी. जैसे ही मैने बटन खोली उसके गोरे बड़े बड़े बूब्स ब्लॅक ब्रा मेी मेरे सामने थे.
मई जैसे ही उन्हें टच करता उससे पहले ही उसने मुझे रोका और कहा नहीं कोई आ जायेगा. मैंने कहा कोई नहीं आएगा बहार राधिका कड़ी है बता देगी कोई आएगा तो.पर वो शर्मा गयी और थोड़ी दूर हो गयी. उसने नीचे देखा तो उसने शॉर्ट्स में बना हुआ तम्बू देखा और हैरान हो गयी. फिर उसने शर्ट का बटन लगाया और राधिका को बुलाया. और पुछा कोई आया तो नहीं.
उसका मुँह पूरा लाल हो गया था और स्कर्ट भी ठीक नहीं था. तो वो बोली मई टॉयलेट जा क्र आयी. राधिका दूर में ही कड़ी थी. तो उसने अभी तक मेरे शॉर्ट्स में उभार देखा नहीं था.मेरी बहोत बुरी हालत हो रही थी. नीचे ७ इंच का लुंड अभी भी खड़ा ही था. गौरी अकेली ही टॉयलेट गयी तो राधिका अंदर आयी और मई बेंच पर बैठ गया. और मई अपना लुंड बैग से छुपाने की कोशिश क्र रहा था.
राधिका और मई काफी क्लोज थे तो वो समझ गयी. और उसने वो बैग हटाई तो उसका भी मुँह खुला ही रह गया. वो सीढ़ी मेरी जांघ पर बैठ गयी और मेरी छाती पर से हाथ फिरने लगी.उसके मेरी जांघ पर बैठने से मुझे उसकी गांड मेरे लुंड पर महसूस हो रही थी. जिस तरह से वह अपना हाथ मेरी छाती पर फिर रही थी. उससे मेरा लुंड और टाइट होने लगा. मैं कर रहा था की अभी के अभी इसे झुका के इसकी छूट में अपना लुंड दाल दू.
आगे कुछ होता इससे पहले ही गौरी के आने की आवाज आयी और वो उठ गयी. मेरा लुंड तोह अब फुल टाइट था लेकिन कोई छूट नहीं मिली रही थी मेरे लुंड को.फिर मई सीधा हॉस्टल गया और गौरी के नाम की मुठ मारी और फिर राधिका के नाम की भी मारी. तब जा के मेरे लुंड को शान्ति मिली. लेकिन अब तोह मुझे बस गौरी की छूट चाहिए ही थी. साथ में अब मुझे राधिका को भी छोड़ना था क्युकी लग तोह रहा था की वह भी मुझसे छोड़ने को रेडी ही है.
बस अब आगे की स्टोरी अगले पार्ट में. अगर स्टोरी अच्छी लगी तो बताना जरूर और अगर कोई इंटरेस्टेड हो तो मुझे मेल जरूर करना. मेल में ात- [email protected]