पड़ोसन दीदी नेहा की चुदाई

Free Hindi Sex Story Behan Padosan Didi Neha Ki Chudai हेलो दोस्तो मेरा नाम राजीव है और आज मैं आपके लिए अपनी जीवन की एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ. मुझे उम्मीद है की आप को पसंद आएगी. ये फ्री हिन्दी सेक्स स्टोरी बेहन की चुदाई तब की है जब मेरी उमर 20 साल की थी उस टाइम मैं अपने बी.ए के एग्ज़ॅम दिए ही थे मैं आज कल बिल्कुल फ्री था.

इस लिए मैं इंटरनेट की नॉलिड्ज लेने के लिए इंटरनेट क्याफे मे जाता था. मैं ज़्यादातर अपने एक दोस्त मोनू के साथ ही जाता था क्योकि उसे काफ़ी नालेज थी इंटरनेट की. पर वो ज़्यादातर सेक्स से रिलेटेड मूवी या स्टोरी ही रीड करता था.

मेरे पड़ोस मे एक नेहा नाम की एक लड़की रहती थी. उसे मैं प्यार से दीदी कहता था. दीदी मुझसे करीब 5-6 साल बड़ी थी. हम दोनो मे काफ़ी अछी बॉनडिंग थी. पर अब उनकी शादी हो चुकी थी और अब वो अपने हज़्बेंड के साथ देल्ही रहती थी.

एक दिन की बात है जब मैं इंटरनेट केफे गया तो मेरा दोस्त मुझसे पहले ही वाहा आया हुआ था. मैं उसके पास गया था तो वो रोज की तरह एक कहानी पढ़ रहा था जिसका नाम था भाई और बहन का प्यार.

मैने उसे कहा साले तुझे कुछ और काम नही है इसके सिवा मुझे उस पर बहोत गुस्सा आया और मैं वाहा से जाने लगा पर उसने मुझे रोक लिया और 2 4 पॅरग्रॅफ रीड करवा दिए.

उसने मुझे कहा साले तू इस कहानी मे अपनी नेहा दीदी को सोच कर पढ़. मैने उसकी बात मानी तो मुझे कुछ अजीब सा लगने लग गया मैं झट से वाहा से उठा और अपने घर आ गया.

मैं जैसे ही अपने बेड रूम मे गया तो वाहा एक बड़ा सा बॅग पड़ा हुआ था. और मेरे बाथरूम मे से पानी की आवाज़ आ रही थी जैसे की अंदर कोई नहा रहा हो. मैने देखा की मम्मी किचन मे खाना बना रही है और दादी कही बाहर गये हुए है.

मैं मम्मी के पास गया तो मम्मी ने बताया की तेरी नेहा दीदी आई है. मैं एक दम खुश हो गया मैं अपने कमरे मे उनसे मिलने गया. मैं कमरे मे गया तो वो ना वाहा नही थी मैं बाथरूम मे देखा वो वाहा भी नही थी. तभी किसी ने मुझे पीछे से पकड़ लिए और मेरे गालो पर किस कर लिया.

मैं जैसेही पीछे मूड कर देखा तो वो मेरी नेहा दीदी थी. उनके बाल गीले थे और उन्होने काफ़ी खुला सा गाउन डाला हुआ था. वो बिल्कुल एक आंटी सी लग रही थी. उन्होने मुझसे मेरे एग्ज़ॅम के बारे मे पूछा और फिर हम दोनो बेड पर बैठ कर बातें करने लग गया.

मैं उनके जिस्मा को निहार रहा था जैसा की मैने कहानी मे पड़ा मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था. मेरी आँखें दीदी के बूब्स और गॅंड चूत को स्कॅन करने की कोशिश कर रही थी दिमाग़ मे उन्हे चोदने के ख़याल आ रहे थे.

तभी दादी कमरे मे आ गई उनसे बातें करने लग गई. मैं मम्मी के पास गया तो मम्मी ने कहा की तेरी दीदी अपने मम्मी पापा को सूप्राइज़ देने के लिए. अचानक बिना बताए अपने घर आई थी पर वाहा कोई भी नही था सब के सब बाहर गये हुए है. इस लिए वो यहा आ गई.

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फिर हम सब ने बैठ कर एक साथ डिन्नर किया. मैने देखा की कहा नेहा दीदी शादी से पहले एक दम पतली सी थी और अब उनकी गॅंड कुर्सी से भी बाहर जा रही है.

डिन्नर करने के बाद दीदी सोफे पर अपनी टाँगे मोड़ कर लेट गई. और मुझसे बोली राजू तू इधर आ और मेरी टाँगे दबा दे ज़रा बहोत दर्द कर रही है. मैं उनके पैरो मे बैठ गया उनकी टॅंगो को बड़े प्यार से दबाने लग गया. मैने महसूस किया की कुछ ही देर मे दीदी की टाँगे गरम होने लग गई.

अब मैने थोड़ी हिम्मत करी और उनके पट पर हाथ रख कर उसे दबाने लग गया. दीदी मुझे कुछ नही बोली मेरी हिम्मत बढ़ गई. दीदी के पट्ट और भी ज़्यादा गर्म थे. मैं अब धीरे धीरे उनके पॅट्टो को सहलाने लग गया. मेरा लंड अब खड़ा होने लगा जो की दीदी के पैरो से नीचे दबा हुआ था. मैं चाह कर भी अपने लंड को रोक नही पा रहा था.

तभी दीदी बोली – राजू तुम्हारी कॉलेज मे अभी तक गर्लफ्रेंड बनी है या नही ?

मैं शरमाते हुए बोला – नही दीदी अभी तक तो नही बनी कोई.

दीदी बोली – तभी तुम मेरी टाँगे छोड़कर मेरे चुत्तर और पट्ट दबा रहे हो.

उनकी बात सुनकर मैं बहोत शर्मिंदा हो गया और बोला दीदी आई एम रियली सॉरी.

दीदी बोली – अरे कोई बात नही तुम्हारी एज मे ऐसा अक्सर होता है चलो अब उठो ओर मेरी कमर दबाओ.

फिर मैं उठा और दीदी भी उठ कर मेरे बेडरूम मे चली गई और उल्टी लेट गई. फिर मैं उनके पास बैठ गया और अपने दोनो हाथो से उनकी मखमली कमर को दबाने लग गया. मेरा लंड अब पागल होता जा रहा था. मैने उन्हे कहा की आप 2 मिनिट वेट करो मैं आया.

मैं जल्दी से बाथरूम मे घुसा और अपना लंड बाहर निकाल कर मूठ मारने लग गया. तभी पीछे से अचानक दीदी आ गई और उन्होने मुझे लंड उपर नीचे करते हुए देख लिया. अब मैं शर्म के मारे मरने वाला हो गया था.
दीदी मुझे पकड़ कर बेडरूम मे ले गई और मेरे साथ बैठकर बोली – राजू आख़िर बात क्या है मैं जब से देल्ही से आई हूँ तब से तुम मुझे एक अलग निगाओ से देख रहे हो. देखो शरमाओ मत मुझे बताओ क्या तुम मुझे पसंद करते हो, देखो अब डरो मत बताओ आख़िर बात क्या है.

मैने हिम्मत कर के दीदी को इंटरनेट केफे वाली सारी बात बता दी. फिर दीदी बड़े प्यार से बोली – ओह हो मेरे प्यारे बच्चे तुम भी ना इतनी सी बात थी अछा चलो उठो और रूम का दरवाजा बंद कर दो और लाइट बंद करके मेरे पास आ जाओ.

मैने वैसे ही किया लाइट बंद करते ही पूरे कमरे मे घना अंधेरा हो गया. मैं जैसे ही दीदी के पास गया तो दीदी ने मुझे पकड़ कर अपनी गोद मे बिठा लिया. फिर दीदी ने मेरे दोनो हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रख लिए. तब मुझे पता चला की दीदी ने अंधेरा होते ही अपना गौण उतार दिया था अब वो सिर्फ़ अपनी ब्रा और पैंटी मे थी.

दीदी ने मेरी टी शर्ट और मेरा पैजाम और अंडरवेर भी उतार दिया और बोली एक मिनिट खड़े हो जाओ मैं अपनी पैंटी उतार दू. मैं उनकी गोद से उतर गया और दीदी ने अपनी दोनो टाँगे उपर करके अपनी पैंटी उतारी तो नीचे से उनके गोरे गोरे चुत्तर अंधेरे मे चमकने लग गये.

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उनकी गोरी गॅंड देखकर तो मेरा लंड एक दम खड़ा हो गया और फिर दीदी ने अपनी ब्रा भी उतार दी. फिर दीदी ने मुझे अपनी बाहों मे ले कर मुझे अपने बूब्स से चिपका लिया. और मेरे होंठो पर अपने नरम नरम होंठ रख कर मुझे किस करने लग गई. मुझे सच मे किस करने मे बहोत मज़ा आ रहा था. दीदी के नरम नरम होंठो का रस्स मैं मज़े मे पी रहा था.

तभी मुझे अपने लंड पर दीदी का हाथ महसूस हुआ वो मेरे लंड को अपने हाथ मे लेकर मेरे लंड को मसल रही थी. और फिर वो धीरे से मेरे कान मे बोली – राजू मज़ा आ रहा है ना ?

मैं धीरे से हसा और फिर वो भी हासणे लग गई. फिर उन्होने मेरा एक हाथ अपने नरम नरम बूब्स पर रख दिया और एक हाथ गरम चूत पर उनकी चूत सच मे बहोत गरम थी मानो नीचे आग लगी हो. उनकी चूत मे से कुछ चिप चिपा सा कुछ निकल रहा था.

फिर दीदी मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर सेट किया और मेरी कमर को अपनी दोनो टाँगो से जकड कर मुझे अपनी टाँगो से धक्का दिया जिससे मेरा लंड उनकी चूत मे उतर गया. दीदी ने मेरे होंठो अपने होंठो मे डाल लिए और मुझे ज़ोर ज़ोर से किस करने लग गई.

मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

अब मैं खुद अपनी कमर उपर नीचे कर के अपना लंड दीदी की चूत मे डाल रहा था. दीदी ने मेरे लिप्स छोड़े और कहा – राजू जब तुम्हारे लंड का पानी निकलने वाला हो तो मुझे बता देना. और ग़लती से भी अपने लंड का पानी मेरी चूत मे नही जाना चाहिए क्योकि अभी तुम्हारे जीजू को बच्चा नही चाहिए.

मैं मुस्कुरा कर बोल दिया – ठीक हैं दीदी आप फिकर मत करो.

अब दीदी अपनी गॅंड उठा उठा कर मेरे लंड को ले रही थी तभी अचानक दीदी ने मुझे अपनी बाहों मे कस्स लिया. और अपनी गॅंड को ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे करने लग गई. और अचानक उनका पूरा जिस्म अकड़ गया मेरे लंड पर गीला गीला महसूस होने लग गया.

दीदी ने कहा अब तुम अपना पानी निकालो मैने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए कुछ ही देर मैने बोला – आह आ दीदी मैं गया.

तभी दीदी ने मुझे पीछे धक्का दिया और मेरा लंड अपनी चूत मे से निकाल कर अपने मूह मे ले लिया और अपने मूह मे मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लग गई. और एक मिनिट मे ही मेरे लंड ने अपना सारा पानी उनके मूह मे ही निकाल दिया. और दीदी मेरे लंड के पानी को चटकारे ले ले कर सारा चाट गई.

मैं सारी रात दीदी के नंगे जिस्म से खेलता और और अगले 4 दीनो तक मैं दीदी की चुदाई करता रहा.

मुझे उम्मीद है आप को मेरी दीदी की फ्री हिन्दी सेक्स स्टोरी बेहन की चुदाई पसंद आई होगी,